Yogi Government 2.O : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) अब गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) को सहकारिता क्षेत्र की चीनी मिलों (Sugar Mills) और गन्ना सिमितियों (Cane Societies) में मालिकान हक (Owners) दे रहे हैं। योगी सरकार ने गन्ना किसानों को सहकारी चीनी मिलों का शेयरधारक बनाने की शुरुआत की है। जिसके तहत बड़ी तादाद में किसान इन मिलों के हिस्से बन जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशों के बाद सहकारी चीनी मिलों और गन्ना समितियों के 50 लाख से ज्यादा किसान शेयरधारक बनेंगे। राजधानी लखनऊ में इसकी शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की चीनी मिलें अब से किसानों की भी हो गयी हैं।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार सरकार 50.10 लाख गन्ना किसानों को अंशधारक प्रमाण पत्र (शेयर सर्टिफिकेट) दे रही है। राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी तो प्रदेश के 40 जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने किसानों को शेयर सर्टिफिकेट बांटा। विभागीय व्यवस्था के मुताबिक कोई भी गन्ना किसान 200 रुपए की फीस जमाकर विभाग में शेयर धारक हो सकता है।
किसान भ्रष्टाचार के झांसे में न आएं
इस मौके पर योगी ने कहा कि पहले यूपी में गन्ना माफिया हावी थे और किसानों को मिलों पर पर्ची नहीं मिल पाती थी लेकिन आज ऐसा नहीं है। तकनीक के साथ किसानों को जोड़कर एक व्यवस्था बना दी गई। नयी व्यवस्था के तहत पर्ची हो न हो स्मार्ट फोन तो है जिस पर गन्ना खरीदने की सूचना मिल जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कहना है कि भ्रष्टाचार खत्म करना है तो तकनीक अपनाओ। गन्ना विभाग ने यह तकनीक इसीलिए अपनाई ताकि किसानों को भ्रष्टाचार का शिकार न होना पड़े।
प्रदेश की खुशहाली में अपना योगदान दे रहे किसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में यदि उत्तर प्रदेश सरकार तकनीक लागू न करती तो चीनी मिलों को चला पाना मुश्किल था। महामारी के दौर में महराष्ट्र से लेकर ब्राजील तक की तमाम चीनी मिलें बंद हो गईं। उन्होंने कहा कि किसान सर्दी, गर्मी, बरसात की परवाह किए गए बगैर देश और प्रदेश की खुशहाली में अपना योगदान दे रहे हैं। योगी ने कहा कि किसानों को अंशधारक बनाने का कार्यक्रम देश के सहकारिता आंदोलन को पुनर्जीवित करने का अभियान है। उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता है। वह जिस व्यवस्था के साथ जुड़ा है। उस व्यवस्था का मालिक बनेगा।
योगी सरकार की योजना के मुताबिक प्रदेश के 40 जिलों की 168 सहकारी गन्ना विकास समितियों और 24 सहकारी चीनी मिल समितियों से आने वाले गन्ना किसानों को प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। ये सभी किसान सहकारी चीनी मिल और सहकारी गन्ना समितियों के शेयर-होल्डर बन गए हैं।
अब इस आशंका से ग्रसित होने की आवश्यकता नहीं कि कोई चीनी मिल बंद होगी।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 11, 2022
आने वाला समय हमारे गन्ना किसानों का होगा। गन्ना किसान अपनी प्रगति और खुशहाली को अपनी आंखों से देख पाएंगे।