धर्मेंद्र (Dharmendra) और आशा पारेख (Asha Parekh) स्टारर सुपरहिट रही फिल्म ‘मेरा गांव मेरा देश’ (Mera Gaon Mera Desh) के 51 बरस पूरे हो गए. राज खोसला के निर्देशन में बनी इस फिल्म में विनोद खन्ना (Vinod Khanna) ने विलेन का रोल प्ले किया था. ये फिल्म और इसके गाने काफी हिट हुए थे. 25 जून 1971 में बनी इस फिल्म के 51 साल पूरे होने पर बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र ने एक वीडियो शेयर कर पुराने दिनों को याद किया तो इस फिल्म से जुड़े कई किस्से याद आ गए.
इन दिनों रणबीर कपूर स्टारर फिल्म ‘शमशेरा’ को लेकर बज बना हुआ है. फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे एक्टर हुए हैं जिन्होंने फिल्मों में डाकू का रोल प्ले किया है. विनोद खन्ना भी ऐसे ही एक्टर थे जिसने स्क्रीन हीरो और विलेन दोनों की जिंदगी को बखूबी जिया है.
‘मेरा गांव मेरा देश’ की शूटिंग भी उसी चंबल घाटी में हुई थी जिसे सैकड़ों बरसों से कुख्यात डाकुओं की शरणस्थली के तौर पर जाना जाता है. चंबल घाटी के खूबसूरत बीहड़ राज खोसला को यहां खींच लाए थे. डकैतों की रोमांच से भरपूर कहानियों को पर्दे पर दिखाए जाने के शुरुआती दौर में ‘मेरा गांव मेरा देश’ को कल्ट फिल्म माना जाता है. कहते हैं कि हिंदी सिनेमा की कालजयी फिल्म ‘शोले’ की कहानी भी इसी फिल्म का एक्सटेंशन है.
‘मेरा गांव मेरा देश’ के दिनों की धर्मेंद्र ने दिलाई याद
धर्मेंद्र ने यूं तो अपने लंबे फिल्मी सफर में कई फिल्मों में काम किया है लेकिन ‘मेरा गांव मेरा देश’ उनके दिल के बेहद करीब है. इस फिल्म के 51 साल पूरे होने पर एक थ्रोबैक वीडियो शेयर कर धर्मेंद्र ने फिल्म की झलक दिखाई है. वीडियो में धर्मेंद्र और उनके बेटे बॉबी देओल फिल्म के बारे में बात करते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो की शुरुआत में धर्मेंद्र, विनोद खन्ना को ललकारते हुए डायलॉग बोलते नजर आ रहे हैं,
इसके बाद उनका एक इंटरव्यू है जिसमें बता रहे हैं कि ‘मैंने विनोद खन्ना के साथ कई फिल्मों में काम किया. ‘मेरा गांव मेरा देश’ बहुत बड़ी हिट थी. इसके बाद स्टंट दिखाते हुए नजर आ रहे हैं और बैकग्राउंड में बता रहे हैं कि मैंने अपने सारे स्टंट खुद किए, कभी मैंने कभी डुप्लीकेट का सहारा नहीं लिया. वहीं धरम पा जी के बेटे बॉबी देओल बता रहे हैं कि ‘मेरा गांव मेरा देश’ मेरे डैड की फेवरेट फिल्म में से एक है.
धर्मेंद्र की पिटाई पर विनोद खन्ना ने उफ नहीं की थी
धर्मेंद्र ने जैसा कि खुद ही वीडियो में बताया है कि वह हर सीन खुद करते थे डुप्लीकेट का इस्तेमाल नहीं किया था. धर्मेंद्र शूटिंग करते वक्त इतने तल्लीन हो जाते थे कि उन्हें याद ही नहीं रहता था कि वह फिल्म कर रहे हैं, सच में किसी की धुनाई नहीं कर रहे. एक इंटरव्यू में विनोद खन्ना से जुड़ा एक किस्सा धर्मेंद्र ने बताया था. विनोद और धर्मेंद्र पहली बार एक साथ इसी फिल्म में आए थे.
इस फिल्म के एक सीन में धर्मेंद्र को विनोद खन्ना की पिटाई करनी थी. सीन की शूटिंग हो गई और जब शाम को दोनों की मुलाकात हुई तो वह ये देख दुखी हो गए कि सीन में पिटाई करते समय उनके हाथ इतनी तेजी से पड़े कि विनोद की पीठ पर नील पड़ गया था. इससे दुखी धर्मेंद्र ने विनोद से माफी मांगी थी लेकिन विनोद ने इस बात को हंस कर टाल दिया, बुरा नहीं माना.
मजे की बात ये रही कि पिटाई करते समय जब सीन फिल्माया जा रहा था तो भी विनोद ने धर्मेंद्र से शिकायत नहीं की. कहते हैं कि इस फिल्म की मेकिंग के दौरान धर्मेंद्र और विनोद पक्के दोस्त बन गए थे. वहीं धर्मेंद्र ने कई मौकों पर करियर में विनोद की मदद भी की थी. धर्मेंद्र, विनोद खन्ना के लिए काफी सपोर्टिव थे तो वहीं विनोद खन्ना भी धर्मेंद्र को बड़े भाई से कम नहीं मानते थे.

‘मेरा गांव मेरा देश’ में महेश भट्टे थे असिस्टेंट डायरेक्टर
अब बात फिल्म के डायरेक्टर राज खोसला की. राज मशहूर फिल्ममेकर और स्क्रीन राइटर रहे हैं. कम ही लोगों को पता होगा कि जाने माने फिल्म निर्माता महेश भट्ट के गुरू राज खोसला रहे हैं. बेहतरीन फिल्म बनाने के लिए मशहूर राज के पास नौकरी की तलाश में महेश भट्ट पहुंचें तो राज ने उन्हें सिर्फ फिल्म मेकिंग की बारिकियां ही नहीं सिखाई बल्कि म्यूजिक के सही इस्तेमाल की जानकारी भी अपने साथ काम करते हुए सिखा दी. राज खोसला को शानदार तरीके से फिल्मों में म्यूजिक सीन शूटिंग करने में महारत हासिल थी. ‘मेरा गांव मेरा देश’ फिल्म में महेश भट्ट ने असिस्टेंट का काम किया था. इस फिल्म की शूटिंग के वक्त की एक तस्वीर भी महेश भट्ट ने ट्विटर पर शेयर की थी और उन्हें अपना गुरु बताया था.

सोना लई जा रे’, ‘मार दिया जाए’ जैसे हिट गीत
राज खोसला को संगीत की इतनी सूक्ष्म जानकारी थी कि उनके निर्देशन में बनी फिल्में कहानी के साथ-साथ अपने सुमधुर गानों के लिए भी जानी जाती हैं. ‘मेरा गांव मेरा देश’ फिल्म के गाने भी ऐसे जबरदस्त बने थे जो आज भी पसंद किए जाते हैं. आनंद बक्षी के लिखे गानों को लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के संगीत से सजाया था. कुछ कहता है ये सावन, लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी ने गाया था. तो ‘सोना लई जा रे’, ‘मार दिया जाए’ जैसे हिट गाने के बारे में संगीत प्रेमियों को बताने की जरूरत नहीं है.