Check bounce case : आदित्य अनघा मल्टीस्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की रामटेक शाखा से कर्ज लेते समय प्रवीण दारोडे ने गारंटी के तौर पर चेक जमा किया गया था. कर्ज की अदायगी नहीं होने पर सोसाइटी की ओर से चेक भुगतान के लिए जमा किया. किंतु बाउंस होने पर सोसाइटी की ओर से फौजदारी मामला दर्ज किया गया. इस संदर्भ में सुनवाई के बाद न्याय दंडाधिकारी गझला अल अमूदी ने बकाया निधि के अलावा 1 माह के भीतर 1.10 लाख रु. जमा करने के आदेश दिए. साथ ही आदेश का उल्लंघन किए जाने पर 6 माह की सजा भी सुनाई. सोसाइटी की ओर से अधि. मनीष ठोंबरे ने पैरवी की.
1.25 लाख का लिया था कर्ज
अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रवीण दारोडे ने निजी कर्ज की मांग करते हुए सोसाइटी के पास आवेदन किया था. आवेदन के अनुसार 1.75 लाख रु. की मांग की गई थी. किंतु नियमों के अनुसार 1.25 लाख रु. मंजूर किए गए. 21 जुलाई 2016 को कर्ज मंजूर करने के साथ ही एग्रीमेंट तैयार किया गया. जिसमें 18 प्रतिशत प्रतिमाह की ब्याज दर पर भुगतान करने की शर्त स्वीकृत की गई. कुछ माह तक दारोडे की ओर से नियमित रूप से कर्ज की अदायगी की गई. किंतु कुछ माह बाद कर्ज का इंस्टॉलमेंट देना बंद कर दिया. जिससे दारोडे द्वारा कर्ज लेते समय दिया गया चेक भुगतान के लिए संबंधित बैंक में जमा कराया गया. किंतु खाते में निधि नहीं होने से चेक बाउंस हो गया.